अयोध्या राम मंदिर केस | बाबरी मस्जिद -अयोध्या राम मंदिर न्यूज़ :: Important News and Updates
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हिन्दुओ में परम पूजनीय भगवान राम की जन्मभूमि जिसे अयोध्या के नाम से प्राचीन समय से जाना जाता रहा है, कल यानि कि शनिवार (नौ नवंबर 2019) को सुबह साढ़े दस बजे सुप्रीम कोर्ट के द्वारा फैसला किया जायेगा। इस न्यूज़ को देखने के लिए तमाम मीडिया चैनल कल एक एक सेकंड की जानकारी कल आपको देंगी। आप चाहे तो उस जानकारी को उन चैनल्स पर देख सकते है या फिर हमारे ब्लॉग पर उसका आउटकम और पूरी जानकारी देख पाएंगे।
इलेक्शन 2014 में मोदी सरकार ने राम जन्मभूमि के नाम पर ही वोट बैंक की राजनीती की थी और फिर दोबारा भगवान राम जन्मभूमि की राजनीति की वजह से ही इलेक्शन जीत पाए लेकिन इलेक्शन 2022 और Election 2025 में चुनाव में सबसे बड़ा बवाल इसी टॉपिक पर होने वाला है इसीलिए मोदी सरकार इस मुद्दे पर बारीकी से काम कर रही है।
शायद मोदी जी अयोध्या में भगवान राम की दुनिया में सबसे बड़ी मूर्ति बनवाने की सोच रहे है वो भी सरयू माँ की नदी के बीचो बिच अब शायद ये एक काल्पनिक सोच है या फिर एक नयी सोच के साथ हिन्दू धर्म के हिंदुत्व को एकत्र करने के नयी योजना। अब ये तो तो वकत ही बताएगा की क्या होता है फ़िलहाल तो 9 नवंबर एक ऐतिहासिक दिन होगा शायद पूरे भारत के लिए।
वैसे तो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच सदस्यों वाली बेंच कल सुबह इस मुद्दे पर अपना फैसला सुना सकती है। वैसे तो मुद्दा कश्मीर के धारा 370 के हटने से भी ज्यादा खतरनाक है इसीलिए ग्रह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर सभी सज्यो में सुरक्षा के सभी इंतजाम कर लिए है सख्त निर्देश भी दिए है।
बात करते है उत्तर प्रदेश की क्योकि उत्तर प्रदेश में ही अयोध्या स्थित है और उस राज्य में सबसे ज्यादा दंगे होने की संभावना है इसीलिए वह सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए है। सीएम योगी जी ने कढ़े शब्दो में कहा है कि जो भी शांति भांग करेगा उसको बख्शा नहीं जायेगा। आपको बता दे कि केंद्र सरकार की और से अयोध्या में 4000 पर मिलेट्री फाॅर्स के अतिरिक्त जवानो को भेजा गया है।
यदि बात की जाये प्रधानमंत्री मोदी जी की तो उनकी तरफ से क्या प्रतिक्रिया है तो ये भी सुनिए, " मोदी जी ने फैसले के पहले कैबिनेट बैठक बुला कर बैठक की और मंत्रीओ को सलाह दी है कि वो वो वजह की बयानबाजी और मीडिया में उकसाने वाली बात न करें। उन्होंने कहा है कि वो इस मामले को शांति प्रिये तरीके से पूरा करना चाहते है।"
ये भी जरूर पढ़े: क्यों मनाया जा रहा उत्तराखंड में जश्न ? क्या है 9 नवंबर को उत्तराखंड में खास?
हिन्दुओ में परम पूजनीय भगवान राम की जन्मभूमि जिसे अयोध्या के नाम से प्राचीन समय से जाना जाता रहा है, कल यानि कि शनिवार (नौ नवंबर 2019) को सुबह साढ़े दस बजे सुप्रीम कोर्ट के द्वारा फैसला किया जायेगा। इस न्यूज़ को देखने के लिए तमाम मीडिया चैनल कल एक एक सेकंड की जानकारी कल आपको देंगी। आप चाहे तो उस जानकारी को उन चैनल्स पर देख सकते है या फिर हमारे ब्लॉग पर उसका आउटकम और पूरी जानकारी देख पाएंगे।

इलेक्शन 2014 में मोदी सरकार ने राम जन्मभूमि के नाम पर ही वोट बैंक की राजनीती की थी और फिर दोबारा भगवान राम जन्मभूमि की राजनीति की वजह से ही इलेक्शन जीत पाए लेकिन इलेक्शन 2022 और Election 2025 में चुनाव में सबसे बड़ा बवाल इसी टॉपिक पर होने वाला है इसीलिए मोदी सरकार इस मुद्दे पर बारीकी से काम कर रही है।
शायद मोदी जी अयोध्या में भगवान राम की दुनिया में सबसे बड़ी मूर्ति बनवाने की सोच रहे है वो भी सरयू माँ की नदी के बीचो बिच अब शायद ये एक काल्पनिक सोच है या फिर एक नयी सोच के साथ हिन्दू धर्म के हिंदुत्व को एकत्र करने के नयी योजना। अब ये तो तो वकत ही बताएगा की क्या होता है फ़िलहाल तो 9 नवंबर एक ऐतिहासिक दिन होगा शायद पूरे भारत के लिए।

वैसे तो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच सदस्यों वाली बेंच कल सुबह इस मुद्दे पर अपना फैसला सुना सकती है। वैसे तो मुद्दा कश्मीर के धारा 370 के हटने से भी ज्यादा खतरनाक है इसीलिए ग्रह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर सभी सज्यो में सुरक्षा के सभी इंतजाम कर लिए है सख्त निर्देश भी दिए है।

बात करते है उत्तर प्रदेश की क्योकि उत्तर प्रदेश में ही अयोध्या स्थित है और उस राज्य में सबसे ज्यादा दंगे होने की संभावना है इसीलिए वह सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए है। सीएम योगी जी ने कढ़े शब्दो में कहा है कि जो भी शांति भांग करेगा उसको बख्शा नहीं जायेगा। आपको बता दे कि केंद्र सरकार की और से अयोध्या में 4000 पर मिलेट्री फाॅर्स के अतिरिक्त जवानो को भेजा गया है।
यदि बात की जाये प्रधानमंत्री मोदी जी की तो उनकी तरफ से क्या प्रतिक्रिया है तो ये भी सुनिए, " मोदी जी ने फैसले के पहले कैबिनेट बैठक बुला कर बैठक की और मंत्रीओ को सलाह दी है कि वो वो वजह की बयानबाजी और मीडिया में उकसाने वाली बात न करें। उन्होंने कहा है कि वो इस मामले को शांति प्रिये तरीके से पूरा करना चाहते है।"
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